है आरमीदगी में निकोहिश[1] बजा[2] मुझे
सुबह-ए-वतन है ख़न्दा-ए-दन्दां-नुमा[3] मुझे

ढूंढे है उस मुग़न्नी-ए-आतिश-नफ़स[4] को जी
जिस की सदा[5] हो जल्वा-ए-बर्क़-ए-फ़ना[6] मुझे

मस्ताना[7], तय करूँ हूँ रह-ए-वादी-ए-ख़याल[8]
ता[9] बाज़-गश्त से[10] न रहे मुद्दआ़ मुझे

करता है बसकि[11], बाग़ में तू बे-हिजाबियां[12]
आने लगी है नकहत-ए-गुल[13] से हया मुझे

खुलता किसी पे क्यों मेरे दिल का मुआ़मला
शे`रों के इन्तख़ाब[14] ने रुसवा किया मुझे

शब्दार्थ:
  1. बदनामी
  2. उपयुक्त लगना
  3. दाँत दिखाती हुई मुस्कराहट
  4. आग बरसाती आवाज वाला गायक
  5. आवाज
  6. अंत समय लाने वाली बिजली की चमक
  7. शराब के नशे में
  8. सोच की वादी
  9. ताकि
  10. वापस लौटना
  11. इस हद तक
  12. खुद को प्रकट करना
  13. गुलाब की खुशबू
  14. चयन
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