अम्बे तू है जगम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली।
तेरे ही गुण गायें भारती।
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती।।

तेरे भक्त जनों पे माता भीड़ पड़ी है भारी।
दानव दल पार टूट पड़ो मां करके सिंह सावरी।।
सौ सौ सिंहों से है बलशाली दस भुजाओं वाली।
दुखियो के दुखडें निवारती। ओ मैया...

मां बेटे का हैं पर ना माता सुनी कुमाता।।
सब पे करूणा दरसाने वाली अमृत बरसाने वाली।
दुखियो के दुखडें निवारती। ओ मैया...

नहीं माँगते धन और दौलत न चांदी न सोना।
हम तो मांगे मां तेरे मन में एक छोटा सा कोना।
सबकी बिगड़ी बनाने वाली लाज बचाने वाली
सतियों के सत को सँवारती। ओ मैया...

Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel