भागवत भगवान की है आरती
पापियों को पाप से है तारती॥

यह अमर ग्रंथ
यह मुक्ति पंथ
सन्मार्ग दिखाने वाला
बिगड़ी को बनाने वाला॥

यह सुख करनी
यह दुख हरनी
जगमंगल की है आरती
पापियों को पाप से है तारती॥

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