जैक द रिपर एक अज्ञात सीरियल किलर को दिया गया प्रसिद्द नाम है जो की माना जाता है १८८८ में लंदन के जिले ह्वाइटचैपल के आसपास के और बड़े पैमाने पर गरीब क्षेत्रों में सक्रिय पाया गया था | ये नाम "जैक द रिपर" एक ऐसी चिट्ठी के माध्यम से सामने आया जिसमें उसने मिडिया को खत लिख कातिल होने का दवा किया था| उस चिट्ठी को काफी लोगों ने झूठा समझ ख़ारिज कर दिया यह सोच की हो सकता है की वह पत्रकारों की एक कोशिश हो लोगों की इस कहानी के प्रति रूचि और अपने अख़बारों का प्रसार बढ़ाने की | अपराध से जुडी फाइलों में और समकालीन पत्रकारिता के विवरणों में इस हत्यारे को "ह्वाइटचैपल मर्डरर" और "लेदर एप्रन" नामों से पुकारा जाने लगा |

 

जैक द रिपरकी त्रासदी का शिकार अक्सर लन्दन के ईस्ट एंड की मलिन बस्तियों में रहने  वाली वैश्याएँ होती थी जिनका वो बेरहमी से पहले गला काटता था और फिर पेट | पीड़ितों में से कम से कम तीन के आंतरिक अंगों को हटाया गया, इससे ऐसा लगता है कि जैसे  हत्यारे को कुछ संरचनात्मक या शल्य चिकित्सा का ज्ञान था। अफवाहें की ये क़त्ल आपस  में जुड़े हुए थे सितम्बर और अक्टूबर 1888 में गहराने लगीं जब मीडिया को ऐसी चिट्ठियां मिलीं  जिसके लेखक या  लेखकों ने अपने खूनी होने का दावा पेश किया | ह्वाइटचैपल सतर्कता समिति के जॉर्ज लस्क द्वारा प्राप्त "फ्रॉम हेल" पत्र में  शामिल था एक संरक्षित मानव गुर्दे का आधा हिस्सा जो की किसी शिकार का माना गया है | जनता मुख्य रूप से   खूनी "जैक द रिपर" के अस्तित्व में  उसके कत्लों के क्रूर चरित्र की और, मीडिया द्वारा इस घटना को दी गयी प्रमुखता की वजह से  विश्वास करने लगी |

 

अख़बारों में मिली भारी कवरेज ने खूनी को व्यापक और स्थायी अंतरराष्ट्रीय बदनामी तो  दी ही साथ ही साथ उसकी कथा को बढ़ावा भी दिया । १८९१ तक हुए ११ कत्लों की पुलिस की तहकीकात में कोई ऐसा अहम सुराग नहीं मिला जो इन कत्लों को १८८८ में हुए कत्लों से जोड़ सके| पांच शिकारमेरी अन्न निकोलस, एनी चैपमैन, एलिज़ाबेथ स्ट्राइड, कैथरीन एड्दोव्स और मेरी जेन केली- इन्हें कैनोनिकल फाइव भी कहा जाता है और इनके ३१ अगस्त १८८८ और ९ नवम्बर १८८८ में हुए कत्लों के आपस में जुड़े होने की सम्भावना मानी जाती है |इन कत्लों की गुत्थी कभी सुलझी नहीं और उनसे जुडी कहानियां वास्तविक ऐतिहासिक अनुसंधान, लोकगीत, और छद्म इतिहास का संयोजन बन गयीं |शब्द "रिपरोलोजी" इन्हीं खूनी मामलों के अध्ययन और विश्लेषण का वर्णन करने के लिए गढ़ा गया था | रिपर की पहचान से जुड़े १०० से अधिक अटकलें हैं और इन हत्याओं ने कई कथाओं को प्रेरित किया है |

ईस्ट एंड में इतनी बड़ी तादाद में औरतों पर हुए हमलों से ये अनिश्चितता बढ़ जाती है की इनमें से कितने कत्लों में एक ही आदमी का हाथ है | ३ अप्रैल १८८८ से १३ फेब्रुअरी १८९१ तक हुए ११ कत्लों को लन्दन मेट्रोपोलिटन पुलिस सर्विस इन्वेस्टीगेशन में शामिल किया गया और उन्हें  पुलिस के संकलनों में ख़ास तौर सेवाइटचैपल मर्डर्सका नाम दिया गया | आम राय अलग अलग है की क्या ये सारे क़त्ल एक ही शख्स ने किये हैं पर ११ में से ५वाइटचैपल मर्डर्सजिन्हें कैनोनिकल फाइव भी कहा जाता है माना जाता है की ये जैक द रिपर का काम है |कई विशेषज्ञों का मानना है की गहरे गले के घाव , पेट और जननांग क्षेत्र विकृति,  आंतरिक अंगों को हटाने,  और चेहरे की विकृति जैक द रिपर की कार्य प्रणाली से मिलता जुलता है |“वाइटचैपल मर्डर्सके पहले दो क़त्लएमा एलिज़ाबेथ स्मिथ और मार्था तब्रम को कैनोनिकल फाइव का हिस्सा नहीं माना जाता है |

 

स्मिथ को ३ अप्रैल १९८८ को ओस्बोर्न स्ट्रीट वाइटचैपल में लूटा गया और उसका योन शोषण भी किया गया |एक कुंद वस्तु, उसकी योनि में डाली गयी थी जिसके उसकी पेरिटोनियम फट गयी |इससे उसे पेरिटोनेसिस हो गया और वह अगले दिन लन्दन हॉस्पिटल में अपनी जान गँवा बेठी |उसने बताया की उसपर २-३ लोगों ने हमला किया था जिनमें से एक किशोर था 14] इस हमले को बाद की हत्याओं से मीडिया ने जोड़ा पर काफी लेखक इस समूही हिंसा को रिपर केस से भिन्न मानते हैं |

तब्रम की हत्या ७ अगस्त १८८८ को की गयी और उसके शरीर पर ३९ चाकू के घाव थे | क़त्ल का वहशीपन , वजह की कमी, स्थान से नजदीकी (जॉर्ज यार्ड वाइटचैपल ) और बाद के रिपर के कत्लों की तारिख से पुलिस ने इन केस को जोड़ पाया | ये क़त्ल कैनोनिकल कत्लों से इसीलिए अलग है की तब्रम को चाकू मारा गया नाकि गले और पेट को रेता गया, और इस घाव देने के फर्क की वजह से कई विशेषज्ञ आज भी उसे बाद के कत्लों से अलग मानते हैं |

 

कैनोनिकल फाइव

कैनोनिकल फाइव रिपर के शिकार हैं मेरी अन्न निकोलस, एनी चैपमैन, एलिज़ाबेथ स्ट्राइड, कैथरीन एड्दोव्स और मेरी जेन केली

निकोलस का शरीर शुक्रवार ३१ अगस्त १८८८ को करीबन सुबह ३:४० पर बुक्क रो (अब दरवार्ड स्ट्रीट ) वाइटचैपल में पाया गया | गले पर दो जगह काटा गया था और पेट के निचले हिस्से को एक गहरे ज़ख्मे से खोल दिया गया था | उसी चाकू से पेट पर कई जगहों पर वार किया गया था |

चैपमैन का शरीर शनिवार 8 सितम्बर १८८८ को सुबह 6 बजे २९ हनबुरी स्ट्रीट स्पीतफील्डस की पिछली गली के दरवाज़े के पास बरामद हुआ | मैरी अन्न के तरीके से ही उसके गले पर भी २ बार काटा गया था | पेट पूरी तरह से खोल दिया गया था और बाद में मालूम पड़ा की गर्भाशय निकाल लिया गया था | ज्यादा पूछने पर एक गवाह ने बताया की उसने चैपमैन को सुबह ०५:३० बजे एक काले बालों और मैली छवी वाले आदमी के साथ देखा था |

 

स्ट्राइड और एड्दोव्स का क़त्ल रविवार ३० सितम्बर १८८८ की सुबह को हुआ | स्ट्राइड का शरीर रात  १ बजे डटफील्ड  यार्ड , बर्नर स्ट्रीट(अब हेनरीकस स्ट्रीट ) से अलग वाइटचापेल में मिला | मौत की वजह गले के उल्टी तरफ की मुख्य नस को साफ़ तरीके से काट देना था | पेट पर भारी घावों का न हों इस बात पर सवाल उठाता है की क्या स्ट्राइड का क़त्ल रिपर ने किया था या फिर उसे ऐसा करते वक़्त किसी ने रोक दिया था | गवाहों का मानना था की उन्होनें स्ट्राइड को रात में एक आदमी के साथ देखा था पर सबने अलग हुलिया बताया , कुछ ने कहा की उसका साथी गोरा था , कुछ ने काला कुछ ने कहा की वह मैले कपडे पहने था और कुछ ने कहा की वह काफी अच्छे से तैयार था |

 

एड्दोव्स का शरीर लन्दन शहर के मित्रे स्क्वायर में स्ट्राइड के शरीर के मिलने के ४५ मिनट बाद मिला | गला काटा हुआ था और पेट एक लम्बे गहरे ज़ख्म से  खोल दिया गया था | बांया  गुर्दा और गर्भाशय का काफी सारा हिस्सा हटा दिया गया था | क़त्ल से थोड़ी देर पहले एक स्थानीय व्यक्ति जोसफ लावेंदे अपने दो दोस्तों के साथ उस स्क्वायर के पास से निकला था और उसने एक गोर पर मैले कपडे पहने आदमी और एक औरत जो की एड्दोव्स हो सकती है के साथ होने का ज़िक्र किया | उसके साथियों ने लेकिन इस बात की पुष्टी नहीं की | एड्दोव्स और स्ट्राइड के कत्लों को “ डबल इवेंट “ कहा जाने लगा | एड्दोव्स के खून से सने एप्रन का हिस्सा गौल्स्तों स्ट्रीट वाइटचैपल के एक घर के मुख्य द्वार के पास मिला | ऊपर दिवार पर लिखी बातों को गौल्स्तों स्ट्रीट ग्राफ्फितो कहा जाने लगा और उसने शक ज्यूस पर डाल पर ये तब भी स्पष्ट नहीं था की क्या कातिल ने एप्रन गिराते वक़्त ग्राफ्फितो लिखा था या ये सिर्फ एक इत्तेफाक है | ऐसी ग्राफ्फिती वाइटचैपल में आम बात है | पुलिस कमिश्नर चार्ल्स वारेन को डर था की इस ग्राफ्फितो से विरोधी दंगों की सम्भावना थी और इसिलए उनको धो ढलने का निर्देश दिया गया |

13 मिलर की कोर्ट में मैरी केली की हत्या के दृश्य का आधिकारिक पुलिस फोटोग्राफ केली का कटा हुआ शरीर शुक्रवार ९ नवम्बर १८८८ को  उसके कमरे में जहाँ वो १३ मिलर कोर्ट  डोरसेट स्ट्रीट ,स्पितल फ़ील्ड्स से अलग सुबह १०:४५ बजे को बरामद हुआ | उसका गला रीढ़ गी हड्डी तक काटा गया था और पेट के सारे अंग निकाल दिए गए थे | दिल गायब था |

कैनोनिकल फाइव मर्डर को रात में या फिर सप्ताह के अंत में अंजाम दिया जाता था, या तो महीने के अंत या फिर हफ्ते के अंत में  |धीरे धीरे क़त्ल और वहशी होते चले गए सिर्फ स्ट्राइड को छोड़कर जिसके कातिल को शायद किसी ने रोक दिया था | निकोलस का कोई अंग निकाला नहीं गया था , चैपमैन का गर्भाशय गायब था ,एड्दोव्स का गर्भाशय और गुर्दा निकाला गया था और उसका चेहरा नष्ट कर दिया गया, और कैली के पूरे शरीर और चेहरे को काटा गया था, लेकिन घटना स्थल से सिर्फ उसका दिल गायब था |

 

ऐतिहासिक रूप से ये विश्वास के ये पाँचों क़त्ल एक ही आदमी ने किये हैं उस वक़्त के दस्तावेजों से मिली जानकारी से उत्पन्न हुआ जो उन्हें और केसों से अलग करती है | १८९४ में सर मेलविल्ल मच्नाघटेन, मेट्रोपोलिटन पुलिस सर्विस के असिस्टेंट चीफ कांस्टेबल और सीआईडी के हेड ने एक रिपोर्ट लिखी जिसमें ये बताया गया " वाइटचैपल कातिल के ५ और सिर्फ ५ शिकार थे | इसी तरह से पुलिस सर्जन थॉमस बांड के द्वारा लन्दन सीआईडी के प्रमुख रोबर्ट एंडरसन को १० नवम्बर १८८८ को लिखी चिट्ठी में इन ५ कत्लों को जुड़ा हुआ बताया | कुछ क्षोध कर्ताओं ने कहा की कुछ क़त्ल एक आदमी द्वारा किये गए थे लेकिन बाकी के क़त्ल कई सारे स्वतंत्र कातिलों का काम है | लेखक स्टीवर्ट पी एवांस और डोनाल्ड रुम्बएलो की दलील है की कैनोनिकल फाइव एक रिपर कल्पना है और तीन केस (निकोलस, चैपमैन और एड्दोवेस) ज़रूर एक दुसरे से जुड़े हों लेकिन स्ट्राइड और कैली के जुड़े होने की सम्भावना कम है | इसके विपरीत कई लोग मानते हैं की तब्रम और कैली के बीच के ६ क़त्ल एक ही कातिल का काम है | जांचकरता रोगविज्ञानी जॉर्ज बग्स्टर  फिलिप्स के शिष्य डॉ पर्सी क्लार्के का मानना है की सिर्फ तीन क़त्ल जुड़े हैं बाकी क़त्ल ऐसे कमज़ोर लोगों ने किये हैं जो इस गुनाह की नक़ल करना चाहते थे | मच्नाघटेन ने पुलिस सेवा हत्याओं के एक साल बाद शुरू की इसीलिए उसके बयान में संदिघ्धों को लेकर काफी बुनियादी गलतियाँ थीं |

 

बाद के वाइट चैपल क़त्ल

कैली को रिपर का आख़िरी शिकार माना जाता है और ये अनुमान लगाया गया है की क़त्ल कातिल की मौत, सजा , संस्थानीकरण, या उत्प्रवास की वजह से बंद हो गए | वाइटचैपल मर्डर की फाइलों में और चार कत्लों का ज़िक्र है जो कन्नोनिकल फाइव के बाद हुए थे : रोज म्य्लेट, ऐलिस म्च्केंज़ी, पिंचिन स्ट्रीट तोर्सो और फ्रांसिस कॉल्स के |

म्य्लेट को क्लार्केस यार्ड हाई स्ट्रीट पोपलर में २० दिसम्बर १८८८ मं गला घोट क मारा गया | लड़ाई के कोई निशान नहीं थे और पुलिस ने ये मान लिया की उसने गलती से अपना दम घोट लिया है या फिर ख़ुदकुशी की है | फिर भी जूरी न इसको क़त्ल ही माना |

मकेंज़ी को १७ जुलाई १८८९ को बांयी कैरोटिड आर्टरी काट कर मारा गया | शरीर पर काफी छोटे छोटे कट और चोटें थीं और वह कैसल एले वाइटचैपल मं पाया गया था | एक जांचकर्ता थॉमस बांड का मानना है की ये रिपर का काम है लेकिन उसके साथी जॉर्ज बग्स्टर फिलिप्स जिन्होनें पहले तीन शिकारों के शरीर का मुआयना किया था वह उनकी बात से सहमत नहीं थे | बाद में लखक उनमें बाँट गए जो ये मानते थे की ये रिपर का काम है और कुछ जो ये सोचते थे की ये एस आदमी का काम है जिसने रिपर का तरीका अपने स शक हटाने के लिए किया |

पिंचिन स्ट्रीट तोर्सो एक औरत का बिना सर और पैर का शरीर था जो पिंचिन स्ट्रीट वाइटचैपल के एक रेलवे आर्च के नीचे १० सितम्बर १८८९ को पायी गयी | ये माना जाता है की क़त्ल कहीं और किया गया और शरीर के हिस्सों को कहीं और ठिकाने लगाया गया |

कॉल्स को १३ फेब्रुअरी १८९१ को स्वालो गार्डन्स वाइटचैपल में एक रेलवे आर्च के नीचे मारा गया | उसका गला कटा हुआ था पर शरीर को नुक्सान नहीं पहुँचाया गया था | जेम्स थॉमस सद्लेर को उसके साथ देखे जाने के बिनाह पर गिरफ्तार किया गया और य सोचा गया की वो ही रिपर है | लेकिन बाद में सबूतों के अभाव में उसे ३ मार्च १८९१ को छोड़ दिया गया |

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