पिछले एक दशक से विश्व के अलग अलग हिस्सों में सुनी जा रही आसमान से आने वाली  इस रहस्यमय आवाज़ का राज़ क्या है ?

आसमान से आ रही रहस्यमयी आवाज़ को जब कई  लोगों ने रात को सुना तो उन्हें लगा कि ये कोई सपना है,लेकिन जब ये चिंघाड़ने जैसी आवाज़ कनाडा, यूक्रेन,अमेरिका,जर्मनी और बेलारूस के कई इलाकों में दिन में भी सुनी गई और जब इन सुनने वालो ने अपने अनुभव इंटरनेट पर साँझा किये तो इसे सपना समझने वालों को पता लग गया कि ये हकीकत है।

2008 में बेलारूस से इस तरह की आवाज़ का पहला वीडियो यू -टयूब पर अपलोड किया गया और उसी साल ऐसी ही अजीब कान फ़ाड़ने वाली आवाज़ का वीडियो अमेरिका से अपलोड किया गया। जर्मनी में इस आवाज़ को सुनकर तो एक बच्चा डर के मारे अपनी जगह पर खड़े खड़े जम सा गया।

कनाडा के किम्बर्ली वूके जो इस आवाज़ को एलियन की आवाज़ मानते हैं, उन्होंने पहले इसे जून 2013 में रिकॉर्ड किया और इस साल यानी 7 मई  2015 को फिर से वही आवाज़ रिकॉर्ड की।

ब्रिटिश कोलम्बिया के टेरेस इलाके की  किम्बरले ने सुबह 7:30 पर ये अजीब आवाज़ सुनी तो उसने वहाँ की कंस्ट्रक्शन कम्पनी से इस बारे में सफाई माँगी,किम्बरले को लगा उनके इलाके में कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है जिस वज़ह से ये आवाज़े आ रही हैं,कंस्ट्रक्शन कम्पनी ने जवाब दिया कि उस इलाके में उनका कोई काम नहीं चल रहा है। किम्बरले ने ये वीडियो यू-टयूब पर अपलोड कर दिया, जो "स्ट्रेंज साउंड इन टेरेस " के नाम से प्रसिद्ध हो गया। 

इंटरनेट के एक सर्वे में लोगों ने इस आवाज़ के अलग अलग कारण बताये हैं ,जिनमे से कुछ ये हैं -:

  • पृथ्वी के गर्भ में जब सिलिकॉन और मैग्नीशियम की  प्लेटलेट्स जगह बदलती हैं तो इस तरह की अजीब आवाज़ पैदा होती है।
  • वातावरण के दबाव के कारण भी इस तरह की रहस्यमयी ध्वनि पैदा होती है।
  • ट्रेन की पटरियों से भी ऐसी ध्वनि पैदा हो सकती है।
  • कई लोगों का मानना है कि एलियन जब अपने स्पेस-शिप से  धरती का चक्कर लगाते हैं तब भी ऐसी चिंघाड़ने जैसी आवाज़ उत्पन्न होती है।
  • अफवाह तो ये भी है कि रूस अपने किसी हथियार का चोरी छिपे परिक्षण कर रहा है,लेकिन सोचने वाली बात ये है कि फिर रूस के बाहर के देशों में ये आवाज़ कैसे सुनाई देती है?
  • सात हाथियों के चिंघाड़ने की आवाज़ और आसमान में प्रभु ईशु की आकृति बनना आने वाली क़यामत का सन्देश है इसका अर्थ है जल्द ही दुनिया का विनाश होने वाला है।

ओक्लाहोमा  यूनिवर्सिटी के भूवैज्ञानिक डेविड डेमिंग 'हम' नाम से इस घटना के बारे में अपने तथ्य पेश करते है - अजीबोगरीब और नापी ना जा सकने वाली इस रहस्यमयी आवाज़ को दुनिया में तक़रीबन 10 प्रतिशत लोगों ने सुना है। आगे वो लिखते हैं कि  'हम'(रहस्यमयी आवाज़ ) अमेरिका द्वारा अपनी पनडुब्बियों तक सन्देश पहुँचाने के लिए  टेलीफोन और एयरक्राफ्ट के इस्तेमाल की आवाज़ भी हो सकती है।

नासा के अनुसार पृथ्वी प्राकृतिक रूप से रेडियो ध्वनि का उत्सर्जन करती हैं। ये ध्वनि धरती में से हमेशा उत्सर्जित होती हैं लेकिन ये हमें कभी कभी ही सुनाई देती हैं जैसे भूकम्प के समय धरती के इस उत्सर्जन को हम साफ़ सुन सकते हैं। लेकिन आम तौर पर ये हमको सुनाई नहीं देती लेकिन धरती का ये स्त्राव हमेशा होता रहता है।

Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel