एक वन में बहुत वृक्ष थे | जहा अनेक पक्षी और बंदर रहते थे | जैसे जैसे बारिश के दिन पास आने लगे चिड़िया अपने आने वाले बच्चों केलिए घोंसला बनाने में व्यस्त हो गयी |  उसी पेड़ पर एक बंदर था जिसे देखकर चिड़िया ने बंदर को कहा अभी कुछ महीनों में बारिश आयेगी तो काफी तकलीफ होगी इसीलिए तुम्हे हमारे जैसा घोसला बनाने केलिए परिश्रम करना चाहिये | तब बंदर को लगा चिड़िया अपने आप को बहुत होशियार समझती है और उसको निचा दिखाना चाहती है |

लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया | कुछ दिन बाद चिड़िया को अंडे हुवे जो घोसले में सुरक्षित थे | लेकिन चिड़िया ने हमेशा की तरह बंदर को कहा की कुछ करते क्यों नही तुम भी अपने लिये एक घोसला बनावो | इस बार बंदर को बहुत घुस्सा आया और क्रोधित होकर उसने वहा बनाये सारे घोसले और अंडो को फेक कर तहस नहस कर दिया |

Comments
हमारे टेलिग्राम ग्रुप से जुड़े। यहाँ आप अन्य रचनाकरों से मिल सकते है। telegram channel