हिन्दू शास्त्रों के अनुसार जन्म-मृत्यु एक ऐसा चक्र है, जो सदा  चलता ही रहता है। कहते हैं जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु होना निश्चित है, लेकिन कई प्राचीन ऋषि- मुनियों ने इस सच्चाई को झूठला दिया है। वे मरना सीखकर हमेशा जिंदा रहने का राज जान गए और कई सैकड़ों वर्ष जीकर चले गए और कुछ आज तक जिंदा हैं। कहते हैं कि ऋषि वशिष्ठ सशरीर अंतरिक्ष में चले गए थे और उसके बाद आज तक नहीं लौटे। परशुराम, हनुमानजी, कृपाचार्य और अश्वत्थामा के आज भी जीवित होने की बात बताई जाती है।

मृत्यु के विनाश के लिए ब्रह्मा ने सोम नामक अमृत की खोज की थी | सोम या सुरा एक ऐसा रस था जिसके माध्यम से हर तरह की मृत्यु से बचा जा सकता था। इस पर अभी शोध बाकी है कि कौन से भोजन से किस तरह का भविष्य निकलता है। 

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