राजीव दीक्षित एक सामाजिक कार्यकर्त्ता थे जिनकी मौत ४३ की उम्र में ३० नवम्बर २०१० को हो गयी थी |

 वह वैश्वीकरण, उदारीकरण और निजीकरण की बुराइयों पर अपनी राय पेश करते थे |वह करों के विकेन्द्रीकरण का समर्थन करते थे और किसानों के हकों के लिए भी आगे चलके पहर्वी करते थे |बदकिस्मती से अपने इस रवैये के कारण उन्होनें सरकार और कंपनियों आदि में कई दुश्मन बना लिए थे |

उनकी मौत ३० नवम्बर २०१० को दिल के दौरे से भिलाई छत्तीसगढ़ से लौटते वक़्त हो गयी | लेकिन उनकी मौत एक बाद उनके शव का परिक्षण नहीं हुआ | उनका शव नीला–काला रंग का हो रहा था जिसका मतलब है ज़हर दिया गया था | लेकिन मीडिया ने भी इस पर कोई आवाज़ नहीं उठाई और आज तक पता नहीं चला की क्या हुआ था |


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