३१ मार्च १९९७ को राष्ट्रिय जनता दल के सदस्य मोहम्मद शहाबुद्दीन के गोली धारकों ने उन्हें गोली मार दी |

एक गरीब घर एमिन जन्मे चंद्रशेखर ने सिवान से अपनी पढाई पूरी कर राजनितिक कार्यकर्त्ता बनने का फैसला किया |एक बार जेएनयु में शामिल होने के बाद चंद्रशेखर ने ऐसा नाम का एक छात्र संगठन शुरू किया | उन्हें ३ बार लगातार छात्र यूनियन का राष्ट्रपति चुना गया | 

उन्हें ३१ मार्च १९९७ को बिहार की सिवान में बैठक का सामना करते समय गोली मार दी गयी | उनके क़त्ल की वजह उनकी बढती लोकप्रियता को माना जाता है | 

उनके मौत से देश भर में छात्रों ने बेहद विरोध प्रदर्शन किये | कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया और सजा भी हुई पर पुलिस को इस नेता की मौत की साजिश करने वाला का पता नहीं चला | 


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