नानक के सबक सिखों के ग्रन्थ गुरु ग्रन्थ साहिब में गुरमुखी भाषा में कविताओं के रूप में पाए जाते हैं |नानक मेरे और मैं के खतरों का बखान करते हैं और भक्तों का आह्वान करते हैं की वह भगवान के वक्तव्यों को मान्यता दें | 

नानक के समय पर हुए बदलाव धर्म और जाती के बंधनों  से परे थे और वह भगवान और भक्त में किसी भेदभाव को न रखने का समर्थन करते थे | 


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