उग रहा है दर-ओ-दीवार से सबज़ा ग़ालिब
हम बयाबां में हैं और घर में बहार आई है

Comments
हमारे टेलिग्राम ग्रुप से जुड़े। यहाँ आप अन्य रचनाकरों से मिल सकते है। telegram channel

Books related to मिर्ज़ा ग़ालिब की रचनाएँ