<p dir="ltr">की तो मोहब्बत<br>
निभाना भूल गए..<br>
रूठे तो मोहब्बत<br>
मनाना भूल गए..</p>
<p dir="ltr">थी जो नजदीकियां<br>
जाके दूर<br>
वापस आना भूल गए..</p>
<p dir="ltr">खाई कसम किये वादे<br>
पर बताना भूल गए..</p>
<p dir="ltr">साँसों के आसपास इतने थे<br>
के उनकी मौजूदगी भूल गए..</p>
<p dir="ltr">रोकी अश्कों ने राहें भी<br>
भीगा दामन<br>
वो गूँज आहों की<br>
एहसास उसका दिल पे दस्तक<br>
हम दर से उनके<br>
गुजरना भूल गए..</p>
<p dir="ltr">बेवफ़ाइयां करता रहा<br>
सफर में हमसफ़र सा रहा<br>
राहों में उसके <br>
रुसवाईयाँ भरता रहा<br>
वो नासमझ समझ के भी<br>
माफ करता रहा</p>
<p dir="ltr">हर मौसम तरसा वो ऐसे<br>
बूंद बूंद करके बरसा वो ऐसे<br>
के बादल बेरुखी के मेरे<br>
छंटना भूल गए.. .</p>
<p dir="ltr">** Isob amit shekher **<br></p>
निभाना भूल गए..<br>
रूठे तो मोहब्बत<br>
मनाना भूल गए..</p>
<p dir="ltr">थी जो नजदीकियां<br>
जाके दूर<br>
वापस आना भूल गए..</p>
<p dir="ltr">खाई कसम किये वादे<br>
पर बताना भूल गए..</p>
<p dir="ltr">साँसों के आसपास इतने थे<br>
के उनकी मौजूदगी भूल गए..</p>
<p dir="ltr">रोकी अश्कों ने राहें भी<br>
भीगा दामन<br>
वो गूँज आहों की<br>
एहसास उसका दिल पे दस्तक<br>
हम दर से उनके<br>
गुजरना भूल गए..</p>
<p dir="ltr">बेवफ़ाइयां करता रहा<br>
सफर में हमसफ़र सा रहा<br>
राहों में उसके <br>
रुसवाईयाँ भरता रहा<br>
वो नासमझ समझ के भी<br>
माफ करता रहा</p>
<p dir="ltr">हर मौसम तरसा वो ऐसे<br>
बूंद बूंद करके बरसा वो ऐसे<br>
के बादल बेरुखी के मेरे<br>
छंटना भूल गए.. .</p>
<p dir="ltr">** Isob amit shekher **<br></p>