इस कुँए के अन्दर श्रखंलाबद्ध 9 और इसके साथ कई छोटे छोटे कुँए हैं |लोग कहते हैं की इसके अंत  में एक तहखाना है जहाँ अशोक का खज़ाना छुपा रहता था |इसको खज़ाना गृह भी कहते हैं और ये अशोक के साम्राज्य कुम्हरार से जुड़ा हुआ था |वहां एक सुरंग थी जिसके माध्यम से इस कुँए में पैसा आकर रखा जाता था | 

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