शुंभ और निशुंभ नामक दो बड़े ही भयानक दैत्य थे जिन्होंने कठोर तप करके भगवान ब्रह्मा से वरदान हासिल किया था। दोनों भाई यह मानते थे कि हमारा अंत कोई स्त्री कैसे कर सकती है? उसकी इतनी सामर्थ्य नहीं हो सकती तो इसलिए उन्होंने यह वरदान मांगा कि कोई भी पुरुष, देवता, राक्षस, दानव, असुर उनका वध न कर पाए। बस फिर क्या था। इन दोनों भाइयों के आतंक से तीनों लोकों में हाहाकार मच गया। इन तीनों के आतंक को खत्म करने के लिए ही अंत में मां दुर्गा का अवतार हुआ था। शुंभ और निशुंभ की तरह की धूम्रलोचन, चंड और मुंड भी वरदान प्राप्त भयंकर असुर थे जिसका वध कर माता भगवती 'चामुंडा' नाम से प्रसिद्ध हुईं। 

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