इस मंदिर के बारे लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं। कोई कहता है यह मंदिर जाग्रत है तो कुछ का मानना है शापित। किसी का दावा है कि यहां की देवी भोग में बलि लेती हैं तो कुछ कहते हैं कि यहां एक महिला की आत्मा भटकती है। मध्यप्रदेश के देवास जिले में स्थित इस ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर से कई कहानियां जुड़ी हुई हैं।
कहा जाता है कि देवास के महाराजा ने इस मंदिर का निर्माण कराया था लेकिन मंदिर निर्माण के बाद से ही राजघराने में अशुभ घटनाएं घटने लगीं। पारिवारिक कलह होने लगे। स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां की राजकुमारी के राजा के सेनापति से प्रेम संबंध थे जो राजा को नागवार गुजरे। उसके बाद रहस्यमय परिस्थितियों में राजकुमारी की मृत्यु हो गई और  सेनापति ने भी मंदिर परिसर में आत्महत्या कर ली।
 
इसके बाद राजपुरोहित ने राजा को सलाह दी कि मंदिर अपवित्र हो चुका है। मंदिर में प्रतिष्ठित मूर्ति को यहां से हटाकर कहीं और स्थापित कर दिया जाए। इसके बाद राजा ने मां की मूर्ति को पूरे सम्मान के साथ उज्जैन के बडे़ गणेश मंदिर में स्थापित करवा दिया और मां की एक प्रतिमूर्ति को रिक्त स्थान पर रख दिया गया। लेकिन इसके बाद भी इस मंदिर में होने वाली अजीबोगरीब घटनाओं में किसी तरह की कोई कमी नहीं आई।
 यहां के स्थानीय रहवासियों का कहना है कि इस मंदिर से अजीबोगरीब तरह की आवाजें आती हैं। कभी शेर के दहाड़ने की आवाजें आती हैं तो कभी घंटों का नाद सुनाई देता है। कभी सफेद वस्त्रों में लिपटी महिला की परछाई यहां डोलती नजर आती है। यहां के लोग दिन ढलने के बाद इस मंदिर की ओर रुख करने से डरते हैं।
 
मंदिर में लगातार दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं बताते हैं  कि इस मंदिर में गलत इरादे से आने वाले व्यक्तियों का हमेशा अहित होता है। कुछ लोगों ने मंदिर की जमीन को दूसरे उपयोग में लाने के लिए मंदिर को ध्वस्त करने की कोशिश की लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाए। मंदिर को ध्वस्त करने में लगे सभी लोगों के साथ अजीबोगरीब घटनाएं हुईं। यहां काम कर रहे मजदूरों को गुंबद से आग निकलती दिखाई दी। इसके बाद मंदिर को तोड़ने का काम बीच में ही रोक दिया गया। अब यह मंदिर सुनसान पड़ा रहता है।
 
मंदिर का एकांत देखकर यदि कोई व्यक्ति यहां अनैतिक कृत्य करने की कोशिश करता है तो उसे शारीरिक कष्ट उठाना ही पड़ता है। लेकिन मंदिर से जुड़े अजीबोगरीब किस्सों के कारण इस मंदिर की सुध कोई नहीं लेता। मंदिर के वास्तु को देखकर लगता है कि यह मंदिर कभी काफी खूबसूरत रहा होगा लेकिन अब यह खण्डहर में तब्दील होता जा रहा है।कुछ लोग आस्थावश यहां दर्शन के लिए आते हैं लेकिन एक कल्पित डर के चलते वे भी दिन ढलने से पहले ही मंदिर परिसीमा से बाहर निकल जाते हैं। 

Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel