कहते हैं यहाँ स्थित शिव मंदिर में महाभारतकाल के अश्वत्थामा आज भी पूजा-अर्चना करने आते हैं। असीरगढ़ का किला मध्यप्रदेश के बुरहानपुर शहर से 20 किलोमीटर दूर है। कहते हैं कि जो एक बार अश्वत्थामा को देख लेता है, उसका मानसिक संतुलन ख़राब हो  जाता है।
 
ब्रह्मास्त्र चलाने के कारण भगवान श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा को कलियुग में एक निश्‍चित तिथि तक भटकते रहने का शाप दे दिया था। यही कारण है कि पिछले लगभग पांच हजार वर्षों से अश्वत्थामा आज भी भटक रहे हैं। उनके बारे में कई जगहों पर उनके देखे जाने की कई कहानियां प्रचलित है उसी में से एक असीरगढ़ का किला सबसे ज्यादा प्रचलित है। 

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