महाभारत के युद्ध के बाद जब भगवान श्रीकृष्ण गांधारी को सांत्वना देने पहुंचे तो अपने पुत्रों का विनाश देखकर गांधारी ने श्रीकृष्ण को श्राप दिया कि जिस प्रकार पांडव और कौरव आपसी फूट के कारण नष्ट हुए हैं, उसी प्रकार तुम भी अपने बंधु-बांधवों का वध करोगे। आज से छत्तीसवें वर्ष तुम अपने बंधु-बांधवों व पुत्रों का नाश हो जाने पर एक साधारण कारण से अनाथ की तरह मारे जाओगे। गांधारी के श्राप के कारण ही भगवान श्रीकृष्ण के परिवार का अंत हुआ।
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