भगवान शिव को वैसे तो परिवार का देवता कहा जाता है, लेकिन फिर भी वह श्मशान में निवास करते हैं। भगवान शिव के सांसारिक होते हुए भी श्मशान में निवास करने के पीछे जिंदगी का एक गूढ़ सूत्र छिपा है। संसार मोह-माया का प्रतीक है जबकि श्मशान वैराग्य का। भगवान शिव कहते हैं कि संसार में रहते हुए अपने कर्तव्य पूरे करो, लेकिन हमेशा मोह-माया से दूर रहो। क्योंकि ये जान लो ये संसार तो नश्वर है। एक न एक दिन ये सब कुछ नष्ट होने वाला है। इसलिए संसार में रहते हुए भी किसी से ज्यादा मोह मत रखो और अपने कर्तव्य पूरे करते हुए किसी वैरागी की तरह आचरण करो।
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