वह गरीब छात्रों को बिना पैसे लिए पढ़ाते हैं और उनका आई आई टी जैसे संसथान में दाखिला करवाते हैं |हर साल २ लाख से ज्यादा विद्यार्थी इस मुश्किल परीक्षा में बैठते हैं पर सिर्फ 5000 को दाखिला मिलता है | पिछले साल इनमें से ३० पटना के एक कोचिंग सेण्टर से आये थे | ये सभी छात्र गरीब परिवार का हिस्सा होते हैं और आनंद कुमार इन ३० छात्रों के गुट को कमरा , आना जाना और छात्रवृत्ति देते हैं | २००३ से २१० में १८२ छात्रों का आई आई टी में चुनाव हो चुका है | 


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