२०१० में श्रीमान माल्या कर्जे में डूबे हुए थे और बैंक्स गिद्ध की तरह पैसा वसूलने के लिए उनके पीछे पड़ी थीं | तो उन्होनें बैंक वालों से उन्हें एक और मौका देने की गुज़ारिश की | और बैंक वाले मान गए |किंगफ़िशर के 8000 करोड़ के खर्चे को 6000 करोड़ में बदल दिया गया | बैंक ने एयरलाइन में 23 प्रतिशत हिस्सा ले लिया | बैंक ने अंदाज़ा लगाया की एयरलाइन में 23 प्रतिशत मोजूदा शेयर कीमत पर 1400 करोड़ के मूल्य का होगा |

लेकिन एक छोटी सी दिक्कत थी उस दिन किंगफ़िशर एयरलाइन्स के शेयर की कीमत थी 39.9 रूपये |इस फैसले को आठ महीने हो चुके हैं और इस समय में किंगफ़िशर के शेयर की कीमत सबसे ज्यादा ४८.८५ तक पहुंची थी | एक बार भी उसकी कीमत बैंक के द्वारा निर्धारित कीमत को पार नहीं कर पायी | विजय माल्या ने १९ मार्च २०१६ तक अन्य बैंक से कम से कम ९००० करोड़ रूपये हड़प लिए हैं |


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