बर्बरीक भीम का शक्तिशाली पोता और कृष्ण का शिष्य था | बर्बरीक को युद्ध में हराना नामुमकिन था और उसको देवी कामख्या ने तीन तीर दिए थे | एक तीर से बर्बरीक नज़र में आने वाले सभी दुश्मनों को मार सकता था लेकिन बर्बरीक ने कसम खायी थी की वह युद्ध में कमज़ोर दल का साथ देगा | ये पांडवों के लिए एक खतरा था क्यूंकि अगर बर्बरीक पहले दिन ही कौरवों की सेना के एक बड़े अंश को ख़तम कर देता तो वह कमज़ोर हो जाते और मजबूरन बर्बरीक को उनका साथ देना पड़ता | इसलिए कृष्ण ने बर्बरीक से गुरु दक्षिणा के तौर पर उसका सर मांग लिया |शिष्य होने के नाते बर्बरीक को उनकी बात माननी पड़ी | 

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