ये उस समय की बात है जब नारी शक्ति का जिक्र भी नहीं होता था | उनके ऊपर पत्थर और गोबर फैंका जाता था क्यूंकि वह लड़कों के साथ लड़कियों को भी पढ़ाती थीं | ज्योतिराव फुले और उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले भारत में औरतों की शिक्षा के प्रेषक थे | अपने पति महात्मा ज्योतिराव फुले के प्रभाव में सावित्री बाई ने औरतों की शिक्षा और उनकी इस पुरुष प्रधान समाज में आज़ादी को अपने जीवन का मक्सद बना लिया था |
उन्होनें ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान औरतों के अधिकार
के सुधार में एक अहम् भूमिका निभायी |