सात - आठ दिन हुए, गुदड़ी बाजार की ओर चला गया था। वहाँ एक मोटी, जिल्द बँधी कॉपी एक दुकान पर मिली। दीमकों ने उसका जलपान भी किया था। देखने पर एक डायरी निकली। लेफ्टिनेंट पिगसन सन् 1921 में भारत आये थे। यह डायरी दो साल की है। अन्त के कुछ पृष्ठ नहीं हैं। डायरी कितनी मनोरंजक है, पढ़ने से पता चलेगा।