एक पेड़ पर बना घोंसला

एक काग था रहता।

नील-गगन में उड़ता फिरता

सदा मौज था करता।

 

कुछ दिन बीते, तब मादा ने

अण्डे दो चार दिए।

एक सर्प ने चुपके से आ

सारे अण्डे साफ किए।

 

परेशान हो तब दोनों ने

कौओं को बुलवाया।

सब कौओं के आ जाने पर

अपना हाल सुनाया।

 

सब कौओं ने आपस में

मिल राय यही ठहराई-

जब सर्प ऊपर आये

तब हमला कर दो भाई!

 

अण्डे चार हुए जब

सुन्दर सर्प तभी चढ़ आया।

हमला किया सभी ने

मिल कर नीचे उसे गिराया।

 

आपस में मिलकर रहने से

काम सरल हो जाते।

एक और एक ग्यारह होते हैं

बुद्धिमान बतलाते।

Comments
हमारे टेलिग्राम ग्रुप से जुड़े। यहाँ आप अन्य रचनाकरों से मिल सकते है। telegram channel