Bookstruck
जिगर मुरादाबादी की शायरी
/ ये हुजूमे-ग़म ये अन्दोहो-मुसीबत देखकर
Facebook
Whatsapp
Telegram
ये हुजूमे-ग़म
[1]
ये अन्दोहो-मुसीबत
[2]
देखकर
अपनी हालत देखता हूँ उसकी हालत देखकर
Please join our telegram group for more such stories and updates.