लाखों में इंतिख़ाब[1] के क़ाबिल[2] बना दिया
जिस दिल को तुमने देख लिया दिल बना दिया

पहले कहाँ ये नाज़ थे, ये इश्वा-ओ-अदा[3]
दिल को दुआएँ दो तुम्हें क़ातिल बना दिया

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