नाला जब गर्मकार होता है

दिल कलेजे के पार होता है

सब मज़े दरकिनार आलम के
यार जब हमकिनार होता है

जब्र है, क़ह्र है, क़यामत है
दिल जो बेइख़तियार होता है

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