शनि के चमत्कारिक सिद्ध पीठों में तीन पीठ ही मुख्य माने जाते हैं, इन सिद्ध पीठों मे जाने और अपने किये गये पापॊं की क्षमा मागने से जो भी पाप होते हैं उनके अन्दर कमी आकर जातक को फ़ौरन लाभ मिलता है। जो लोग इन चमत्कारिक पीठों को कोरी कल्पना मानते हैं, उअन्के प्रति केवल इतना ही कहा जा सकता है, कि उनके पुराने पुण्य कर्मों के अनुसार जब तक उनका जीवन सुचारु रूप से चल रहा तभी तक ठीक कहा जा सकता है, भविष्य मे जब कठिनाई सामने आयेगी, तो वे भी इन सिद्ध पीठों के लिये ढूंढते फ़िरेंगे, और उनको भी याद आयेगा कि कभी किसी के प्रति मखौल किया था। अगर इन सिद्ध पीठों के प्रति मान्यता नही होती तो आज से साढे तीन हजार साल पहले से कितने ही उन लोगों की तरह बुद्धिमान लोगों ने जन्म लिया होगा, और अपनी अपनी करते करते मर गये होंगे.लेकिन वे पीठ आज भी ज्यों के त्यों है और लोगों की मान्यता आज भी वैसी की वैसी ही है।

Comments
हमारे टेलिग्राम ग्रुप से जुड़े। यहाँ आप अन्य रचनाकरों से मिल सकते है। telegram channel

Books related to शनि देव 2


चिमणरावांचे चर्हाट
नलदमयंती
सुधा मुर्ती यांची पुस्तके
झोंबडी पूल
सापळा
अश्वमेध- एक काल्पनिक रम्यकथा
श्यामची आई
गांवाकडच्या गोष्टी
खुनाची वेळ
लोकभ्रमाच्या दंतकथा
मराठेशाही का बुडाली ?
कथा: निर्णय
मृत्यूच्या घट्ट मिठीत
पैलतीराच्या गोष्टी
शिवाजी सावंत