एक पंचकोशी परिक्रमा प्रयाग में होती है और एक उज्जैन में |तीर्थों में सर्वोपरि है प्रयाग |प्रयाग मंडल पांच योजन और बीस कोस तक फैला हुआ है |प्रयाग आने वाले यात्री पहले संगम पर स्नान करते हैं और उसके पश्चात ही पंचकोशी परिक्रमा आरम्भ करते हैं | तीर्थ क्षेत्र में स्थित सभी देवताओं, आश्रमों, मंदिरों, मठों, जलकुण्डों के दर्शन करने से ही तीर्थयात्रा का पूरा फल मिलता है।  
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