योग साधना के एक प्रमुख शाखा है नाथपंथियों की हठ साधना | इस पंथ को चलाने वाले मत्स्येन्द्रनाथ (मछंदरनाथ) तथा गोरखनाथ (गोरक्षनाथ) माने जाते हैं। इस पंथ के साधक लोगों को योगी, अवधूत, सिद्ध, औघड़ कहा जाता है।  गोरखनाथ के नाम पर ही शहर गोरखपुर का नाम रखा गया |इनके साहित्य के अनुसार आदिनाथ शिवजी को कहा जाता है | शिव की परम्परा को सही रूप में आगे बढ़ाने वाले गुरु मत्स्येन्द्रनाथ हुए।  गोरखनाथ ने मन आदि की कई साधनों और आसनों का प्रचार किया | वह एकेश्वरवाद पर बल देते थे, ब्रह्मवादी थे तथा ईश्वर के साकार रूप के सिवाय शिव के अतिरिक्त कुछ भी सत्य नहीं मानते थे।   
Comments
हमारे टेलिग्राम ग्रुप से जुड़े। यहाँ आप अन्य रचनाकरों से मिल सकते है। telegram channel