बुद्ध ने बहुत कम आयु में अपने परिवार को छोड़ अहिंसा के पथ पर अपना कदम रख दिया था |बुद्ध हमेशा से हिंसा के खिलाफ रहे | एक बार उनकी पत्नी ने उनसे पुछा की मेरे साथ रहकर क्या आप वो हासिल नहीं कर सकते थे जो अभी किया तो उन्होनें कहा हो सकता तह लेकिन भटके बिना कुछ भी हासिल नहीं होता |कौशाम्बी राज्य की महारानी बुद्ध से नफरत करती थी और बार बार उनका निरादर करती थी | ऐसे में आनंद ने एक दिन बुद्ध से कहा की क्यूँ न हम ये स्थान त्याग दें | तब बुद्ध ने उन्हें समझाया की पलायन कर मुसीबत से बचने की कोशिश करना गलत है | जब तक हो सके अपने जीवन में आई तकलीफ का डट कर सामना करना चाहिए |
Comments
हमारे टेलिग्राम ग्रुप से जुड़े। यहाँ आप अन्य रचनाकरों से मिल सकते है। telegram channel