ये बेहद ज़रूरी है की आप अपने जीवन में अच्छी संगत रखें | तभी आप जीवन यापन सही रूप से कर पाएं | दुर्योधन स्वयं में इतना बुरा नहीं था | उसे ज्यादा बुरा बनाया शकुनी मामा के गलत मार्गदर्शन ने | ये सीख लेने की ज़रुरत है की जीवन में चाहे आप कितने भी अच्छे हों अगर आपकी संगत में नकरात्मक लोग हैं तो आपका बर्बाद हो जाना पूर्ण रूप से निश्चित है |

हिंदी में एक कहावत है थोथा चना बाजे धना यानि की अधूरा ज्ञान किसी भी प्रकार का खतरनाक होता है | ऐसा व्यक्ति अपने आधे ज्ञान से ही अपने को बेहद समझदार सोचता है और अक्सर उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है | ऐसा ही कुछ अभिमन्यु के साथ भी हुआ | उसने चक्रव्यूह में घुसना तो सीख लिया लेकिन बाहर आने का तरीका उसे नहीं मालूम था | ऐसे में उसका ये अधूरा ज्ञान उस पर भारी पड़ गया और वह वीरगति को प्राप्त हुआ |इसलिय इन्सान को चाहिए की वह कम से कम  एक विषय में पूर्ण रूप से पारंगत हो जाये |

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