बोद्ध ग्रन्थ का कथन

शुरुआती बोद्ध ग्रंथों समन्फाल सुत्ता इस मन से शरीर के निर्माण की कला को मननशील जीवन का फल बताते हैं |पतिसम्भिदामग्गा और विसुद्धिमग्गा के हिसाब से इसी कला की मदद से बुध और उनके शिष्य बोधि काल में शरीर छोड़ स्वर्ग की यात्रा कर पाते थे |दिव्यवदना के मुताबिक इसी कला की सहायता से बुद्ध ने अपने शरीर को कई भागों में बाँट लिया था |वह इतने सारे बुद्ध के स्वरुप फिर आकाश में अपनी छटा बिखेरने लगे थे |

Comments
हमारे टेलिग्राम ग्रुप से जुड़े। यहाँ आप अन्य रचनाकरों से मिल सकते है। telegram channel

Books related to तल्पा -एक तिब्बती कला


नलदमयंती
नागमणी एक रहस्य
टाईम मशीन-सत्य कि कल्पना
गावांतल्या गजाली
गरुड पुराण- सफल होण्याचे उपाय
आजही अश्वत्थामा जिवंत आहे का ??
पोफळीतल्या चेटकीणीच्या झिंज्या
अश्वमेध- एक काल्पनिक रम्यकथा
अजरामर कथा
महाभारतातील विस्मृतीत गेलेल्या कथा
बाजीराव मस्तानी
सोमण सरांचे भूत
शिव-परिवार प्रतिमेचे रहस्य
अगम्य (गूढ कथा)
अधिकमास माहात्म्य पोथी