द्रोण के छल से वध किए जाने के बाद कौरवों की ओर से कर्ण को सेनापति बनाया जाता है। कर्ण पांडव सेना का भयंकर संहार करता है और वह नकुल व सहदेव को युद्ध में हरा देता है, परंतु कुंती को दिए वचन को स्मरण कर उनके प्राण नहीं लेता हैं । फिर अर्जुन के साथ भी भयंकर संग्राम करता है।
 
दुर्योधन के कहने पर कर्ण ने अमोघ शक्ति द्वारा घटोत्कच का वध कर दिया। यह अमोघ शक्ति कर्ण ने अर्जुन के लिए बचाकर रखी थी लेकिन घटोत्कच से घबराए दुर्योधन ने कर्ण से इस शक्ति का इस्तेमाल करने के लिए कहा। यह ऐसी शक्ति थी जिसका वार कभी खाली नहीं जा सकता था। कर्ण ने इसे अर्जुन का वध करने के लिए बचाकर रखी थी।
 
इस बीच भीम का युद्ध दुःशासन के साथ होता है और वह दु:शासन का वध कर उसकी छाती का रक्त पीता है और अंत में सूर्यास्त हो जाता है।
 
कौरव पक्ष की क्षति : दुःशासन
कौन मजबूत रहा : दोनों

Comments
हमारे टेलिग्राम ग्रुप से जुड़े। यहाँ आप अन्य रचनाकरों से मिल सकते है। telegram channel