चम्पा को अंग्रेजी में प्लूमेरिया कहते हैं। चम्पा के खूबसूरत, मंद, सुगंधित हल्के सफेद, पीले फूल हम अक्सर पूजा में उपयोग करते हैं। चम्पा का वृक्ष मंदिर परिसर और आश्रम के वातावरण को शुद्ध करने के लिए लगाया जाता है। चम्पा के वृक्षों का उपयोग अक्सर घर, पार्क, पार्किंग स्थल और सजावटी पौधे के रूप में किया जाता है।

हिन्दू पौराणिक कथाओं में एक कहावत है:-

'चम्पा तुझमें तीन गुण- रंग रूप और वास, अवगुण तुझमें एक ही भंवर न आएं पास।'

रूप तेज तो राधिके, अरु भंवर कृष्ण को दास, इस मर्यादा के लिए भंवर न आएं पास।।

 

चम्पा में कोई पराग नहीं होता है इसलिए इसके पुष्प पर मधुमक्खियां कभी भी नहीं बैठती हैं। चम्पा को कामदेव के 5 फूलों में गिना जाता है। देवी मां ललिता अम्बिका के चरणों में भी चम्पा के फूल को अन्य फूलों, जैसे अशोक, पुन्नाग के साथ सजाया जाता है। चम्पा का वृक्ष वास्तु की दृष्टि से सौभाग्य का प्रतीक माना गया है।


 


Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel