प्राण विद्या के अंतर्गत स्पर्श चिकित्सा, त्रिकालदर्शिता, सम्मोहन, टैलीपैथी, सूक्ष्म शरीर से बाहर निकलना, पूर्वजन्म का ज्ञान होना, दूर श्रवण या दृष्य को देखा आदि कई अनेक विद्याएं शामिल है। इसके अलावा  प्राण विद्या के हम आज भी कई चमत्का‍र देखते हैं। जैसे किसी ने अपने शरीर पर ट्रक चला लिया। किसी ने अपनी भुजाओं के बल पर प्लेन को उड़ने से रोक दिया। कोई जल के अंदर बगैर सांस लिए घंटों बंद रहा। किसी ने खुद को एक सप्ताह तक भूमि के दबाकर रखा। इसी प्राण विद्या के बल पर किसी को सात ताले में बंद कर दिया गया, लेकिन वह कुछ सेकंड में ही उनसे मुक्त होकर बाहर निकल आया। इसी प्राण विद्या के बल पर कोई किसी को स्वस्थ कर सकता है और  कोई किसी को जीवित भी कर सकता है।
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