बच्चों को अक्सर पता नहीं होता की वह क्यूँ बेचैन हैं ;बस वह परेशान होते हैं | उनके बताने से पहले हमें पता चल सकता है की वह तकलीफ में हैं | नीचे लिखे हैं कुछ लक्षण जिनसे आपको अंदेशा हो सकता है | 

बार बार सवाल पूछना 

एक ही काम को बार बार करना 

सुरक्षा के लिए किसी चीज़ की ज़रुरत , पकड़ने के लिए या पीछे छुपाने के लिए |

हकलाना या बडबडाना |

चीज़ें गिराना या खुद फिसलना 

आँखें न मिला पाना , या फिर डर के कहीं और देखना 

कन्धों को झुका के रखना 

बैचैनी अक्सर संदेह और भय से उत्पन्न होती हैं | जब हमें किसी बात से डर लग रहा होता है तो हमारा शरीर हमारे नाज़ुक अंगों की सुरक्षा करने की कोशिश करता है | हम बाहर से ठंडा महसूस करते हैं | हममें ताकत की कमी होती है और हम अलग प्रकार से चलते हैं |

व्यसक होने के नाते हमारा अपने बच्चों पर काफी प्रभाव पड़ता है | जब वह बैचैन होते हैं तो कई ऐसी चीज़ें हैं जो हम उन्हें शांत करने के लिए कर सकते हैं | नीचे लिखे हैं इस समस्या के १० हल | 


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