बोनी एलिज़ाबेथ पार्कर का जन्म रोवेना टेक्सास में हुआ और वह तीन बच्चों में से दूसरी संतान थीं | उनके पिता राजगीर थे जिनकी बोनी जब चार साल की थीं तब मौत हो गयी थी | उनकी माँ एमा पार्कर पश्चिम डलास में अपने माँ बाप के घर पर रहने लगी | वह एक दरजी की तरह काम करती थीं | उनके नाना जर्मनी से थे और बचपन से बोनी “द स्टोरी ऑफ़ सुसाइड साल” और “द ट्रेल्स एंड” जैसी कविताओं को पढ़ अपनी लिखने के शौक को अभिव्यक्ति देती थीं |
अपने उच्च स्कूल के दुसरे साल में पारकर की मुलाकात रॉय थोर्नटन से हुई | उन दोनों ने स्कूल छोड़ दिया और बोनी के १६ साल के होने से 6 दिन पहले 25 सितम्बर १९२६ को शादी कर ली | उनके शादी उसके बार बार कानून के गिरफ्त में आने से ज्यादा दिन तक नहीं चली | जनवरी १९२९ के बाद वह फिर कभी नहीं मिले | लेकिन उनका तलाक नहीं हुआ और मरने तक बोनी थोर्नटन की दी अंगूठी पहने हुई थी | उसकी मौत के वक़्त भी थोर्नटन जेल में था | उसने कहा , “मुझे ख़ुशी है वह ऐसे ख़तम हुए , पकडे जाने से ये बहुत बेहतर है | १९२९ में अपनी शादी टूटने के बाद पार्कर अपनी माँ के साथ रहीं और डलास में वेटर के तौर पर काम करने लगी | १९२९ में अपने पास रखी जाने वाली डायरी में पार्कर अपने अकेलेपन , डलास में अपनी ज़िन्दगी ,और बोलती तस्वीरों के लिए अपने प्रेम का ज़िक्र करती थी |