मांडू में मौजूद-सिंहासन बत्तीसी

इतिहास को तोड़ मरोडकर उसे अपने अन्दाज से प्रस्तुत करने की हमारी आदत बहुत पुरानी है। बडेरों ने जो कुछ लिख दिया उसे उसी रूप में स्वीकार कर 'बड़ी हुकम कहने वालों ने बडा अनर्थ भी किया। नतीजा यह हुआ कि बहुत सारा अमलो इतिहास इति बनकर रह गया और उसक ह्रास किंवा हास ही अधिक हुआ। इस झमेले में सर्वाधिक लू पुराने खंडहरो, महलों, हवेलियों को लगी। इसीलिए ये हमें बटे रहस्य रोमाच भरे अजूबे और अद्भुत तो लगते हैं पर सही जानकारी के अभाव में भ्रमित करत और भटकन देते भी लगते है।

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