भगवान श्रीकृष्ण की आठ पत्नियां में से एक मित्रविन्दा थी। एक दिन कृष्ण वन विहार के दौरान अर्जुन के साथ उज्जयिनी गए और वहां की राजकुमारी मित्रविन्दा को स्वयंवर से वर लाए। मित्रवृंदा अवंति के राजा जयसेन की बेटी (राजकुमारी) थी। उसके भाइयो के नाम विंद और अनुविंद थे। वो दोनों ही कौरवों के सभासद थे। पौराणिक मान्यता अनुसार मित्रविन्दा उनकी बुआ की बेटी थी। मित्रविन्दा भगवान श्रीकृष्ण को चाहने लगी थी। जब घर वालों को इसका पता चला तो उन्होंने उसका विवाह जबरन दुर्योधन से करना चाहा। दुर्योधन भी उससे विवाह कर अपनी राजनीतिक शक्ति बढ़ाना चाहता था। लेकिन ऐसा हो नहीं सकता। श्रीकृष्ण और बलराम को इसके लिए कौरवों और मित्रविन्दा के भाइयों से युद्ध करना पड़ा था।

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