चाल : ओ साथी रे, तेरे बिना भी क्या जीना
ओ कोरोना....... , तेरे बिना ही मेरा जीना
चाइना की कलियों में, इटली की गलियों में
तेरे बिना कुछ कहीं न
तेरे बिना ही मेरा जीना -२
ओ कोरोना , तेरे बिना ही मेरा जीना
तेरे बिना ही मेरा जीना
हर धड़कन में प्यास नहीं तेरी, साँसों में तेरी खुशबू है
इस धरती से उस अम्बर तक, मेरी नज़र में तू ही तू है
वायरस ये लागे न ...
वायरस ये लागे न, तू मुझसे रूठे हाँ, साथ हमारा हो कभी न
तेरे बिना ही मेरा जीना
ओ कोरोना ...
-- कोरोना से ग्रस्त क्वारंटाइन में
तुझसे जोगन मेरी रातें, तुझसे मेरे दिन बंजारन
मेरा जीवन जलती बूँदें, बुझे-बुझे मेरे सपने सारे
तेरे बिना मेरी
तेरे बिना मेरी, मेरे बिना तेरी, ये ज़िंदगी ज़िंदगी हाँ
तेरे बिना ही मेरा जीना
ओ कोरोना...
© सिद्धेश प्रभुगांवकर