बंगाल, असम, ओडिशा में दुर्गा पूजा को अकालबोधन ("दुर्गा का असामयिक जागरण"), शरदियो पुजो ("शरत्कालीन पूजा"), शरोदोत्सब ("पतझड़ का उत्सव"), महा पूजो ("महा पूजा"), मायेर पुजो ("माँ की पूजा") या केवल पूजा अथवा पुजो भी कहा जाता है। पूर्वी बंगाल (बांग्लादेश) में, दुर्गा पूजा को भगवती पूजा के रूप में भी मनाया जाता है। इसे पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओडिशा, दिल्ली और मध्य प्रदेश में दुर्गा पूजा भी कहा जाता है।
पूजा को गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, केरल और महाराष्ट्र में नवरात्रि के रूप में कुल्लू घाटी, हिमाचल प्रदेश में कुल्लू दशहरा, मैसूर, कर्नाटक में मैसूर दशहरा, तमिलनाडु में बोमाई गोलू और आन्ध्र प्रदेश में बोमाला कोलुवू के रूप में भी मनाया जाता है।