1970 में डी एन ऐ एनालिसिस नाम की चीज़ नहीं थी | लेकिन अब उसका इस्तेमाल किया जा सकता है |हौकेलैंड यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ने उस समय महिला के शरीर के कई हिस्सों के टिश्यू के सैंपल स्टोर कर लिए थे जिनकी अब डी एन ऐ जांच हो पायेगी |वेस्ट पुलिस डिस्ट्रिक्ट के फॉरेंसिक हेड कहते हैं की उस औरत की पहचान होना ज़रूरी है क्यूंकि कई ऐसे लोग होंगे जो उसके रिश्तेदार होंगे और सोचते होंगे की वह कहाँ चली गयी |

कई महीनों की क्षोध के बाद पता चला है की वह औरत यूरोप की थी इसलिए वह इसरायली जासूस नहीं हो सकती है |यूरोप के सूत्रों को ये डी एन ऐ सैंपल भेजा जाएगा ताकि ये पता चल सके की इसका कोई मैच जीवित तो नहीं है | अगर उसका मैच मिल गया तो उस औरत की पहचान कर पाना सहज हो जायेगा |जो केस 46 साल से अनसुलझा था वो शायद अब विज्ञानं की कृपा से सुलझ पायेगा|


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