गरुड़ ध्वज का पौराणिक कालों से इस्तेमाल होता आया है | गुप्ता शासको के काल में गरुड़ राष्ट्रिय पक्षी चिन्ह  हुआ करता था |कर्णाटक के होयसला राजाओं का भी प्रतीक चीन गरुड़ ही था | इसके इलावा इंडोनेशिया, थाईलैंड और मंगोलिया आदि में भी सांस्कृतिक प्रतीक  के रूप में जाना जाता है |थाईलैंड के कई बौद्ध मंदिरों में आपको गरुड़ के निशान देखने को मिल जायेंगे | 
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