सहदेव –भविष्य देख सकते थे 
बर्बरीक –दुनिया के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर
संजय – युद्ध देखने की क्षमता मिली थी
अश्वात्त्थामा –युद्ध की हर कला में पारंगत
भीष्म –इच्छा मृत्यु
दुर्योधन –शरीर वज्र के समान कठोर
जरासंध- शरीर दो टुकड़ों में करने के बाद भी जुड़ जाता था 

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