प्रार्थना का महत्त्व और असर तभी ज्यादा होता है जब ये किसी मंदिर के अन्दर किया जाए | ऐसा इसलिए क्यूंकि जब आप बाहर बैठ पूजन करते हैं तो उससे उभरी उर्जा आसमान में कहीं बिखर जाती है | लेकिन वहीं अगर आप मंदिर में बैठ कर प्रार्थना करें तो गुम्बद का आकार होने के कारण वह तरंगें टकरा के व्यक्ति के आसपास सकरात्मक उर्जा का सर्किल निर्मित हो जाता है | ये उर्जा का केंद्र व्यक्ति को और प्रेरित करता है |