कुशाग्र गुप्ता पेशे से एक व्यवसायी हैं लेकिन उनका जुनून लेखन है और ज्यादातर बार वे लघु कथाएँ और कविताएँ लिखते थे। उन्होंने पिछले साल 2017 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी। वह 16 साल की उम्र में एक व्यवसाय में चल रहे थे क्योंकि उनके पिता की 2012 में मृत्यु हो गई थी। उनके पास परिवार की बहुत सारी जिम्मेदारियां थीं, इसलिए वे व्यवसाय में शामिल हो गए और अपना अध्ययन भी जारी रखा लेकिन लेखन में हैं रक्त । इसलिए अधिकांश समय वह अपने जुनून को समय देते है।
वो लङकी
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यह किताब एक सच्ची घटना पर आधारित हैं जो कि खुद लेखक के साथ घटित हुई थी और इस घटना ने लेख़क को बहुत झकझोर कर दिया था तो पढ़िए आप लेखक के प्यार की कहानी उन्ही की जुबानी। अगर कोई त्रुटि हो तो माफ करें।