ईसा से लगभग दो सौ तीन सौ वर्ष पूर्व पंडित विष्णु शर्मा ने पंचतंत्र की इन कहानियों को गढा था। इन कहानियों के जरिए उन्होंने एक राजा के तीन बिगडे बेटों को सही राह दिखाई थी। उन्होंने अपनी बातें पशु-पक्षियों के मुख से रोचक तरीके से कहलवाई। वही उनकी कहानी के पात्र थे। पशु-पक्षियों को आधार बनाकर उन्होंने राजकुमारों को उचित-अनुचित की शिक्षा दी। उनकी शिक्षा समाप्त होने के बाद पंडित विष्णु शर्मा ने इन कहानियों को पंचतंत्र की कहानियों के रूप में संकलित किया।