छोटी-छोटी अच्छाइयाँ मिलकर ही महानता का रूप लेती हैं।
हमें देश के अंदर की बुराइयों को खत्म करने से पहले अपने अंदर की कमियों को सुधारना होगा, पर इसकी शुरुआत हमें ख़ुद से करनी होगी क्योकि बूंद-बूंद करके ही घड़ा भरता हैं। मतलब यह है की छोटी-छोटी अच्छाइयाँ मिलकर ही महानता का रूप लेती हैं।